आँख का तारा- दीपमाला पाण्डेय

एक माँ के आँख का तारा हो तुम
पापा का राजदुलारा हो तुम
मैंने जो मांगी थी मन्नतें हजार
उस मन्नतों का सितारा हो तुम
ज़िंदगी हमारी खुशियों से भर गयी
तेरे आने से हर कमी पूरी हो गयी
तेरे हंसी से घर चहक उठता है
तेरी बोली से मन प्रफुल्लित होता है
जब जब तु लगता है गले से मेरे
सारे दुख दर्द मेरे मिट जाता है
‘जन्मदिवस’ पर दिल से दुआ देती हूं
खुश रहे तु सदा मैं तेरी बलइय्यां लेती हूँ

-तुम्हारी माँ
दीपमाला पाण्डेय
रायपुर, छत्तीसगढ़