कुछ तो चाहत रहने दे- डॉ भावना

कुछ तो चाहत रहने दे
मुझपर तोहमत रहने दे

अपनी तबीयत कह दे बस
मेरी तबीयत रहने दे

कितना खुद को बदलूँ मैं
कुछ तो आदत रहने दे

ख़ौफ़ खुदा का अच्छा है
कुफ़्र की दहशत रहने दे

छीन ले ये सब मालो-ज़र
इश्क़ की दौलत रहने दे

-डॉ भावना