खुद को बदल डालो, दुनिया बदलती दिखेगी- सुनील माहेश्वरी

दोस्तों, प्रेरणा आपको कार्य को शुरू करने में सहायक होती है, जब कि आदतें आपके कार्य को।करते रहने में सहायक होती हैं। रोज तारीख बदलती है, रोज दिन बदलते हैं, रोज अपनी उमर भी बदलती है, रोज समय भी बदलता है, हमारा नजरिया भी वक्त के साथ बदलता हैं, सोच भी बदल जाती है, बस एक ही चीज है यारो, जो नहीं बदलती, और वो हैं हम खुद़ और इसी वजह से हमें लगता है कि अब जमाना बहुत बदल गया है।
लोग खुद़ के अंदर तो बदलाव लाते नहीं हैं और जमाने से हर वक्त जुबान पर शिकवे रहते हैं और खुद़ को बदलना उतना ही मुश्किल है, जितना कि किसी नशे की लत वाले इंसान से नशा छुड़वाने की भरसक कोशिश करना। दोस्तों जमाना पहले भी वही था, जैसे आज है, सिर्फ जमाने की रिवाजें बदल गयीं, लोगों का सोचने का, समझने का तरीका बदल गया, लोग समझदार हो गये। यारो, दुनिया में कुछ बदलना है तो पहले शुरुआत खुद़ से करनी होगी।
आप वो बदलाव तो बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं। सिर्फ आदतों को सुधारने के अलावा आपको और कुछ सुधारने की जरुरत नहीं है। दुनिया बदलनी है तो पहले खुद़ को बदलना होगा कहीं पहुंचने के लिए, कहीं से तो चलना होगा।

-सुनील माहेश्वरी
मोटीवेशनल लेखक, इंस्पिरेशनल ब्लाॅगर