चाँद- शैली अग्रवाल

रात का समां
और आकाश बना काला शामियाना,
उस पर झिलमिल करते तारे

ठंडी-ठंडी लहराती हवाएं
और सर-सर-सर
गीत गाते पेड़ सारे

मानो आज तो
चाँद बारात लेके निकला है,
अपनी चांदनी के द्वारे

-शैली अग्रवाल