नाजायज़ रिश्ता- आलोक कौशिक

अगले हफ्ते डैडी घर आ रहे हैं। मैं आप दोनों की करतूतों के बारे में डैडी को जरूर बताऊंगी। घर को नर्क बना कर रख दिया है। ज्योति ने अपनी माँ और चाचा को धमकाते हुए कहा।
ज्योति तेईस वर्षीया युवती थी। ज्योति के पिताजी निर्मल सिंह फ़ौजी थे और माँ नीलम देवी नर्स थीं। मनीष और आकाश दो छोटे भाई थे। दोनों दूसरे शहर में रहकर पढ़ाई करते थे। फ़ौज में सेवारत होने के कारण निर्मल सिंह अपने घर पर अपने परिवार के संग बहुत कम समय व्यतीत कर पाते थे। ज्योति के चाचा ने दो शादियां की थी। लेकिन शराबी एवं व्यभिचारी होने के कारण दोनों शादियां असफल रहीं। अपनी पत्नी के कहने पर निर्मल सिंह ने अपने भाई को अपने घर में शरण दे दिया था।
माँ म और चाचा को धमकाने के बाद ज्योति अपने कमरे में चली गई। दरअसल, आज फिर उसने अपनी मां और चाचा को आपत्तिजनक अवस्था में देख लिया था।
अगले हफ्ते जब निर्मल सिंह घर आए तो व्यथित होते हुए ज्योति ने उन्हें अपनी मां और चाचा के प्रेम प्रसंग के बारे में सब कुछ बता दिया।
निर्मल सिंह ने जब ज्योति के परोक्ष में अपनी पत्नी और अपने भाई से इस संबंध में पूछताछ की तो उन लोगों ने उन्हें मोबाइल फोन में एक वीडियो क्लिप दिखाया। जिसमें ज्योति और उसका प्रेमी आलिंगनबद्ध होके एक दूसरे को चूम रहे थे।
वीडियो क्लिप दिखाने के बाद नीलम देवी ने अपने पति से कहा -जब हम दोनों ने ज्योति को इस नाजायज़ रिश्ते से दूर रहने को कहा तो ज्योति ने हमारी बात मानने से ढीठतापूर्वक इंकार कर दिया और कहा कि वह अपने अंतर्जातीय प्रेमी से ही विवाह करेगी, क्योंकि वह दो महीने की गर्भवती है।
आपके सामने उसका भेद कहीं हम दोनों खोल ना दें, इस डर से उसने ऐसा घटिया आरोप हम दोनों पर लगा लिया।
अगले दिन ज्योति की हत्या के जुर्म में पुलिस ने निर्मल सिंह को गिरफ़्तार कर लिया। अदालती कार्यवाही के पश्चात निर्मल सिंह को कारागार (जेल) भेज दिया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया गया कि ज्योति गर्भवती नहीं थी।

-आलोक कौशिक

परिचय-
नाम- आलोक कौशिक
शिक्षा- स्नातकोत्तर (अंग्रेजी साहित्य)
पेशा- पत्रकारिता एवं स्वतंत्र लेखन
साहित्यिक कृतियां- प्रमुख राष्ट्रीय समाचारपत्रों एवं साहित्यिक पत्रिकाओं में सैकड़ों रचनाएं प्रकाशित
पता- मनीषा मैन्शन,
बेगूसराय, बिहार- 851101
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