प्यार की बात- रूची शाही

प्यार की बात अब करूँ तो करूँ कैसे
ज़ख्म इस दिल के भरूँ तो भरूँ कैसे

मेरी नींद, खुशी, सुकून तक वो ले गया
सब्र आखिर और धरूँ तो धरूँ कैसे

दर्द हज़ारों ही दे गया है कोई मुझको
एक जुदाई का ग़म करूँ तो करूँ कैसे

तुमको आसान बहुत लगता है लेकिन
रोज़ बिखर के संवरूँ तो संवरूँ कैसे

कोशिशें तो बहुत की है तेरी खातिर
पर हर रोज़ नई मौत मरूँ तो मरूँ कैसे

तुझको भूलने की कई राह मिली लेकिन
पांव खुद ही काट डाले, चलूँ तो चलूँ कैसे

हर तरफ मौत का जब लगा है यहाँ पहरा
मेरी जान तुझे जिंदगी कहूँ तो कहूँ कैसे

-रूची शाही