बिल्ली की हजयात्रा- मुकेश चौरसिया

बिल्ली पुनः हजयात्रा में जा रही है। इन दिनों स्थानीय समाचार पत्रों में डबल कॉलम में और कुछ में पूरे-पूरे पृष्ठ में विज्ञापन रेट में शुभकामनाएं छप रही हैं। हरेक में मुस्कुराती हुई बिल्ली की तस्वीर है। किसी में हाथ हिलाते, किसी में हाथ जोड़ते, किसी-किसी में तो तस्वीरों में कलाकारी करके बिल्ली को बकायदा सन्यासी वेष में कमण्डल लिए भी दिखाया जा रहा है। रुद्राक्ष की माला बिल्ली के गले में शोभा दे रही है। शुभेच्छुओं में स्थानीय मूषक नेताओं के नाम छपे हैं। कुछ चूहों ने बिल्ली की फोटो के साथ अपनी भी फोटो छपवा ली है। बिल्ली की हजयात्रा पर स्थानीय चूहा टाइम्स ने पूरा का पूरा परिशिष्ट छाप मारा है। अपनी फोटो देख-देख के बिल्ली प्रसन्न है। चूहों की फोटो देख के उसके मुँह में बार-बार पानी आता है। चूँकि हजयात्रा के दिन नजदीक हैं इसलिए वह इन दिनों इसी पानी को गटक-गटककर काम चला रही है। अपनी तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बिल्ली ने स्थानीय चूहा समुदाय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है, और कहा है वह हर सुख-दुःख में वह चूहों के साथ है। अपने भावभीने अभिनंदन के लिए उसने चूहों को धन्यवाद भी दिया है। इससे चूहा समुदाय भी गदगद है।
हजयात्रा से एक दिन पहले चूहों ने बिल्ली का नागरिक अभिनंदन किया। इसकी पूरी रिपोर्ट चूहा समाचार में इस प्रकार छपी। स्थानीय चूहा नेता मूषकप्रसाद जी ने कहा- ’’यह अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि बिडाल शिरोमणि बिल्ली देवी अपनी पहली हजयात्रा में रवाना हो रहीं हैं। हम चूहों को जैसे ही उनके इस निर्णय का पता चला हमने पूरे तन मन धन से उनकी यात्रा का बंदोबस्त किया। यद्यपि इसके लिए बिडाल प्रशासन ने अपने एक दिन के वेतन देने के आदेश जारी किए थे परंतु हमने बढ़-चढ़कर अपना सहयोग दिया है।’’
’’बिल्ली देवी के जीवन में पिछले कुछ दिनों से अजीब सा वैराग्य देखने को मिल रहा था। यह हमारे लिए एक शुभ संकेत था क्योंकि इसके बाद से हमारे वंश में तीव्र वृद्धि हुई। इनका वैराग्य हमारे लिए सौभाग्य लेकर आया। पिछले दिनों उन्होंने चूहों की अनेक समस्याओं पर अपने विचार खुल कर व्यक्त किए हैं और उनके जड़मूल से उन्मूलन की बात कही है। इससे समस्त चूहा समुदाय में भय मिश्रित विस्मय की खुशी छाई है। पिछले दिनो जब हम नागरिक अभिनंदन के सिलसिले में बिल्ली मौसी से मिले तो हमने पिछले एक साल मे हमारे नौ सौ साथियों के खोए जाने का जिक्र मौसी से किया । आज हम माँग करते हैं कि इसके लिए आयोग बनाया जाए और जरूरत पड़ने पर मामले की सी बी आई से जाँच भी कराई जाए। हमें पूरा यकीन है कि चूहा समाज का उद्धार बिल्ली के हाथों ही हो सकता है।’’
इसके बाद मूषक शिशुओं ने भाव प्रवण गीत नाटक प्रस्तुत किए जिसमें बिल्ली की महिमा का वर्णन किया गया था।
अपने अभिनंदन समारोह में बिल्ली भाव विभोर हो गई। मुँह में बार-बार पानी आने से उसका गला भर आया। अपने मन पर काबू पाते हुए उसने कहा,-“ये मेरा परम सौभाग्य है कि चूहा समुदाय ने मुझे इस लायक समझा। हम बिल्लियों का जन्म चूहों के लिए ही हुआ है। जब तक चूहे है तब तक बिल्लियाँ हैं सारी दुनिया में बिल्लियों के जीवन का उद्देश्य चूहा समाज की सेवा है। मैंने जो भी किया वह हम बिल्लियों का कर्त्तव्य है। जब तक मेरे पास सत्ता है तब तक मैं चूहों की सेवा करूंगी। आपसे दूर जाने को मेरा दिल नहीं करता किंतु हज पर जाना हम बिल्लियों की परंपरा है क्योंकि सेवा के मार्ग पर चलते-चलते एक ऐसा समय आता है जब हम बिल्लियाँ शक्तिहीन होने लगती हैं तब आध्यात्मिक मार्ग पर चलकर हम पुनः शक्ति अर्जित करती हैं इस बहाने हम अन्य बिल्लियों से मिलती हैं और धर्म के मार्ग पर चलती बिल्लियों के दर्शन से हमें आत्मिक शक्ति और प्रेरणा मिलती है और चूहों की भलाई के लिए और क्या-क्या हो सकता है उस पर विचार करती हैं ये हमारी संसद है। मुझे खुशी है कि चूहा समाज हमारी इस यात्रा का प्रबंध कर रहा है। आज हम बिल्लियाँ जो कुछ भी हैं चूहा समाज के कारण ही हैं (इस बात पर चूहा समाज में बहुत देर तक ताली बजी)। अगर चूहे न हों तो हमारा जीवन ही व्यर्थ है।
और अंत में मैं आपके नेता श्री मूषक प्रसाद जी माँग का समर्थन करती हूँ और आज इस मंच से घोषणा करती हूँ कि पिछले एक साल में एक-एक करके गायब हुए सभी नौ सौ चूहों को खोज निकालने के लिए एक आयोग बनाया जाएगा।(पुनः तालियाँ) हज यात्रा से लौटकर आने के बाद इस दिशा में आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। जरूरत पड़ने पर सी बी आई से भी जाँच कराई जाएगी।“
अंत में बिल्ली ने कहा,-“न जाने क्यों मुझे ऐसा लग रहा है कि मेरे वापस आने तक आपका क्या होगा। मेरी अनुपस्थिति में मेरा पुत्र बिडालराज आपकी सेवा करेगा।“ भारी भरकम बिडाल राज मंच पर आए । उन्हैं देखकर सभा में सन्नाटा खिंच गया। मूषक समाज के वयोवृद्ध श्री गणेशवाह्न जी इस बार आशा कर रहे थे कि इस बार उन्हैं कार्यकारी राजा बनाया जाएगा किंतु ऐसा नहीं हुआ। बिडाल राज के नाम प्रस्तावित होने से उनके अरमानों में पानी फिर गया। अपनी नियति से बंधे चूहों को इस प्रस्ताव का समर्थन करना पड़़ा और ताली भी बजाना पड़ा।
अगले ही दिन बिल्ली अपनी हजयात्रा पर रवाना हो गई।

-मुकेश चौरसिया
गणेश कॉलोनी,
केवलारी, जिला-सिवनी 480994