महिला दिवस विशेष: जननी है वह- रकमिश सुल्तानपुरी

जननी है वह भार नहीं है
महिला है लाचार नहीं है

माता बेटी बहन बिना यह
जंगल है, संसार नहीं है

महिलाओं से जीत तुम्हारी
इनसे तेरी हार नहीं है

महिला सुंदरता है घर की
महिला बिन परिवार नहीं है

बिन नारी के निज धरती पर
जीवन का आधार नहीं है

नीच वही जिसका महिला सँग
अनुकूलित व्यवहार नहीं है

प्यार की भूखी है रकमिश पर
उसके हक़ में ख़ार नहीं है

-रकमिश सुल्तानपुरी
सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश