माँ में बड़ी हो गई हूँ- दीपा सिंह

क्यूं तू मुझे छोटा समझती है
तूने मुझे हाथ पकड़कर चलना सिखाया
फिर क्यूं आज मेरा हाथ पकड़कर छोड़ रही है
माँ तू मेरा जन्नत है, तू मेरी जिंदगी है
मैं तेरी लाडली हूँ
मुझे इस दुनिया में किसी से प्यार नहीं है,
जितना तुमसे है
तू मेरे लिए मेरा घर, धन दौलत सब कुछ है
फिर आज क्यूं मुश्किल समय में मेरा,
हाथ छोड़ रही है
मुझे भी अपने पास ले जा माँ,
मैं तुझसे दूर नहीं जाना चाहती हूँ
तू मेरी दुनिया है, तू ही मेरा जहान है
तेरे लिए तो इस दुनिया से ही क्या,
ईश्वर से भी लड़ सकती हूँ
तू ही मेरी शक्ति है माँ
आज ये दुनिया मेरे लिए बोझ बन गई है
इस दुनिया में मेरे लिए तेरे सिवा कोई नहीं है
तू मेरे लिए माँ-बाप दोनों हैं
मुझे ऐसे अकेला छोड़ के मत जा माँ
तेरे सिवा मुझे कुछ नहीं चाहिए।
तू मेरे लिए जैसी भी है मेरी माँ है
तू अनमोल फरीसता है मेरे लिए
इसलिए मुझे छोड़ के मत जा माँ
तेरे लिए मैं सब कुछ छोड़ दूंगी,
पर माँ तू मुझे छोड़ के मत जा

-दीपा सिंह