रंगों वाली खुशिया आयी- मनोज कुमार

गुनगुनाहट सी धूप छाई,
अंगों में मस्ती भर आईं,
आम के मौर भर आये,
कोयल ने खड़ी शोर मचाई,
लगता है रंगों वाली खुशियां आयी,
आयी आयी रे होली आयी

सर्दी में तन ठुठुराया था,
फ़ाल्गुन ने सारे पोर जगाये,
गेँहू ऐसे खेतो में लहराये,
नवयुवती जैसे नौयोवन पाए,
चाल में शोखियां भर आयी,
लगता है रंगों वाली खुशिया आयी,
आयी आयी रे होली आयी,

तलेंगे गुजिया रसगुल्ले और नमकीन,
खुशियों से मौसम होगा रंगीन,
बूढ़ा बच्चा और नौजवान,
सबकी मस्ती की पंगत है आई,
लगता है रंगों वाली खुशियां आई,
आयी आयी रे होली आयी

-मनोज कुमार