रिश्ते- जयश्री अत्रे

ख्वाहिश है कि
रिश्तों को संभाल कर रखा जाए
रिश्तों की डोर सबसे बड़ी होती है
ता-ज़िन्दगी हम इन रिश्तों से ही
अपनी पहचान बनाते हैं
ये रिश्ते उम्र भर चलते हैं
हर रिश्ते का एक अलग पहलू होता है
और ये किसी को जताया नहीं जाता
ये रिश्ते हमारे अपने मन में रहते हैं
रिश्ते वो पूंजी हैं जो हमें
एक ज़िन्दगी का मतलब सिखाती है
हर रिश्ते में
अपनी एक अलग ही ख़ुश्बू होती है

-जयश्री अत्रे