सफर- राधेश्याम तिवारी

आपके वातानुकूलित
रिजर्वेशन बोगी के ठीक पीछे
एक साधारण बोगी का
यात्री हूँ मैं
मेरे लिए लेटने या बैठने का
नहीं है कोई निश्चित स्थान
मेरी पहचान
रिजर्वेशन चार्ट में
कहीं नहीं है
फिर भी जब ट्रेन में चढ गया हूं
तो आप ही की तरह
पहुँच ही जाऊंगा घर तक
यात्रा ट्रेन की हो या जीवन
श्रेणियों का विभाजन तो है
सिर्फ सफर तक

-राधेश्याम तिवारी