बेरोजगार: निशि सिंह

महसूस होता है
धरती का भार हूँ
मैं बेरोजगार हूँ

माँ-बाप के सपनों का
लिया हुआ उधार हूँ
मैं बेरोजगार हूँ

बहन की शादी के
टूटे सपने का कांच हूँ
मैं बेरोजगार हूँ

सिफारिश घूस बिना
बेपता तार हूँ
मैं बेरोजगार हूँ

दोस्त देख जिसे
कतराते वही राह हूँ
मैं बेरोजगार हूँ

निशि सिंह
पटना