चाह: अर्चना शरण

दूसरों के सामने
अपने को साबित करने की चाह में

दूसरों की नजरों में
अपनी कद्र किए जाने की चाह में

दूसरों के द्वारा
पूछे जाने
और सराहे जाने की चाह में

हम अपनी
पूरी की पूरी जिंदगी कुर्बान कर देते हैं

सबसे बड़ा संघर्ष होता है
किसी भी हालात में
इंसान का दुखी होने से
इंकार कर देना

आँखों को बंद कर
अगर हम दिल में
अपने आत्मविश्वास को अपने पास ही पाएं
तो कुछ भी असंभव नहीं रहता

ये याचना भरी जिंदगी उलझने और भी बढ़ा देती हैं

अर्चना शरण