कोरोना जागरण- मनोज मंजर

तू अपना ख्याल रखना वहां
और मैं अपना रखूँगा यहाँ

तू भी घर में रहना वहां
मैं भी घर में रहूँगा यहाँ
तू मिलने की जिद न कर
बाहर जाकर ईद न कर
है इतिहास अगर रचना नया
तू अपना ख्याल रखना वहां

पढ़कर थोड़ी किताबें तुम
अपना ज्ञान बढ़ाओ तुम
पत्नी का हाथ बटाओ तुम
चाहे बच्चो संग खेलो तुम
मिलता है ऐसे मौका कहाँ
तू अपना ख्याल रखना वहां

चहुँओर वायरस का शोर है
घेरा इसने हमें घनघोर है
जब तक तेरी जान सुरक्षित
तब तक मेरा मान सुरक्षित
हँसती रहे जिंदगी तू रहे जहाँ
तू अपना ख्याल रखना वहां

-मनोज मंज़र