कोरोना- प्रीति चतुर्वेदी

चारो तरफ सन्नाटा है छाया
दरवाजे पर दस्तक,कोई अंजान है लाया
मन खोफ्युक्त, सहमा हुआ
इस आहट ने सबको बहुत डराया
दरवाज़ा खोलने में हृदय, पहली बार कंपकंपाया
लगा जैसे कोई मेहमान है पधारा
अरे!नहीं, यह मेहमान नहीं
यह तो महामारी कोरोना है आया

जो करके आया था सफर बहुत लंबा
जो था पहले चीन, वुहान शहर में जन्मा
जिसका वायरस धीरे-धीरे देश विदेशों में भी जा पहुँचा
इटली से होते हुए गया अमेरिका
जहां गया किया हर देश तबाह
अब आ पहुंचा यह भारत
आते ही फैला दी इसने अपनी दहशत
कर दिया पूरा भारत बंद
जिसका नहीं कर सकते थे हम अंत

लक्षण थे जिसके सर्दीे खांसी
हो जाए जिसे ये,समझो चढ़ गया वो फांसी
कर दिया इसने अपनों को अपनों से दूर
क्योंकि इससे बचने का यही था दस्तूर
दिया योगदान पूरा डॉक्टर, जवान, सिपाही सभी ने अपना
है यह हकीकत, नहीं कोई सपना
न रहना पड़े हमें किसी देश पर आश्रित
इसलिए कर दिया पहले ही मोदी जी ने भारत को सुरक्षित
बनवा दिए गए कई नए अस्पताल
जिसकी स्वयं की मोदी जी ने जांच-पड़ताल

बीमारी है यह जानलेवा
फिर भी डॉक्टरों ने किया
मरीजों की शिद्दत से सेवा
न दिन देखा न रात
न ही किया कोई आराम
बस किया तो दिन रात काम
इनकी मेहनत ने होने नहीं दिया इन्हें नाकाम
हो गए कई इस बीमारी से आज़ाद
पर कई मरीजों ने खो दिए अपने प्राण

अपना ले यदि हम इससे जुड़ी सावधानियां
और इसे पूरी करने में हम न करे कोई नादानियां
तो पास भी नहीं आएगी कोरोना जैसी बीमारियां
और खत्म हो जाएगी इसकी कहानियां
नियम कुछ ऐसे हैं:
हमेशा लगाएं मुंह पर मास्क,
बैठे नहीं किसी के पास,
मिनट मिनट में धोएं अपना हाथ,
पांच फुट की दूरी पर रहकर करें अपना काम,
इससे नहीं होगा हमें कोई नुक्सान
और न ही होगा कोई परेशान
जय हिन्द

-प्रीति चतुर्वेदी