कप- संजीव कौशल

चाय से
या तुम्हारे साथ से
किससे जुड़ा है कप

चाय के अलावा कुछ पियो
तो स्वाद नहीं आता
और अगर तुम न हो
तो मैं चाय नहीं पीता

कपों का यह जोड़ा
अदलता बदलता रहता है
हमारे बीच
कभी जब महक उठती है चाय
मैं समझ जाता हूँ
कल तुम्हारे हाथों में था
मेरा कप

-संजीव कौशल