दोस्ती: अतुल पाठक

दोस्ती जीवन का सबसे बड़ा खज़ाना है
सुख-दुख का अफ़साना है

पल-दो-पल का रिश्ता नाता नहीं दोस्ती
फर्ज़ है दोस्ती जो उम्रभर निभाना है

दोस्ती अरमान है ख़ुशी के आशियाने का
राह में तिमिर को मिटाता दोस्ती नाम जीवन में उजियारे का

बहती रहती है सदा जिसकी निर्मल पवित्र धारा है
दोस्ती से बढ़कर कुछ नहीं यह रिश्ता सबसे प्यारा और न्यारा है

सच्चे दोस्त से मिलती बनती है मिशाल दोस्ती
जाति, धर्म के भेदभाव को मिटाती है गहरी विशाल दोस्ती

अच्छे या हों बुरे हालात
दोस्ती का रहे हमेशा साथ

बेबसी उदासी को दूर भगाए दोस्ती
मुरझाए हुए चेहरे में हँसी लाए दोस्ती

अतुल पाठक ‘धैर्य’
हाथरस, उत्तर प्रदेश