द्वारिकाधीश: गरिमा गौतम

संसार व सन्यास के
अद्भुत सेतु हैं
आकर्षक व्यक्तित्व के
कृष्ण धनी हैं
कांतियुक्त पीताम्बर
लीला पुरुषोत्तम हैं
एक तरफ योगेंद्र
जो माखन चुराते हैं

पूजनीय होकर भी
झूठी पत्तल को उठाते हैं
परमवीर योद्धा होकर
रणछोड़ कहलाते हैं
ज्ञानी, ध्यानी, योद्धा
प्रेमी कहलाते हैं

ज्ञानरस में इनके अर्जुन
उध्दव भीग जाते हैं
मनमोहक बांसुरी
की तान सुनाते हैं
गीता के उपदेश से
कर्मयोग सिखाते हैं

शस्त्र न उठाकर भी
जो अस्त्र शस्त्र चलवाते हैं
श्री कृष्ण द्वारिकाधीश
योगेश्वर कहलाते हैं
पूर्ण पुरूष श्री कृष्ण
जीना सिखाते हैं
हाथ जोड़ बारम्बार
नमन करते जाते हैं

गरिमा राकेश गौतम
कोटा, राजस्थान