एक भारतीय गधे की कहानी- मुकेश चौरसिया

(गधों के आगे इस तरह के कोई विशेषण लगाना चाहिए या नहीं यह तो मुझे पता नहीं क्योंकि गधे-घोड़े आदि संज्ञाएं तेजी से विशेषण के रूप में प्रयुक्त हो रही हैं। बहरहाल मैं अपनी कहानी शुरु करता हूँ।)

एक था गधा। लेकिन वह ऐसा वैसा गधा नहीं था जैसा कि हम (और विशेष रूप से आप) अपने गधेपने के कारण समझते हैं। न तो वह कृश्नचंदर का गधा था जो नेफा गया था और नही ही वह शरद जोशी का गधा उर्फ अलादाद खाँ था। वह निहायत ही अलग प्रकार का गधा था। यूँ समझिये कि उसमें गधों के गधेपने जैसा कोई ऐब नहीं था। जैसा कि इस छोटी सी कहानी में आगे स्पष्ट होगा।
हमारी कहानी के नायक इस गधे को कहीं से शेर की खाल मिल गई। (शेर की खाल उसे कहाँ से मिली ये बताने की जरूरत नहीं है हमारे देश में शेरों की संख्या हजार बारह सौ के आसपास यूँ ही नहीं पहुँची है। गधों के लिए शेर अपना जीवन दधीचि के समान बलिदान करने पर तुले हुए हैं।) तो भाइयो इस गधे ने शेर की खाल को अच्छी से तरह से ओढ़ा और जंगल पहुँच गया और जंगल का राजा बन बैठा। राजा बना ये गधा बड़े मजे से ग्रामीणों के खेतों में घुस जाता और जी भर के चरता। (आप कहेंगे इसमें नया क्या है? चुनाव जीतने के बाद हर राजा यही करता है) इस तरह से उस गधे राजा के कुछ दिन बड़े मजे से बीते।
लेकिन एक दिन (जैसा कि हर कहानी में होता है झूठ की पोल खुलती है, सच्चाई सामने आती है वगैरह) गांव के लोगों ने गधे की ढेंचू की तान सुन ली और डंडों से बेतरह मारा। दोस्तों कहानी यहाँ समाप्त नहीं होती है बल्कि कहानी यहाँ से शुरू होती है क्योंकि हमारी कहानी का नायक कोई आम गधा नहीं था। उसने अपने ऊपर हुए इस ‘अन्याय’ को चुपचाप नहीं सहा। उसने पुलिस, थाना, कोर्ट, कचहरी एक कर दिया।
ब्रेकिंग न्यूज
सुप्रीम कोर्ट ने बहुचर्चित गधाराजा प्रकरण में फरियादी गधे को शेर की खाल ओढ़कर राजा बनने और खेतों को चरने के बहुचर्चित मामले में आगामी आदेश तक स्थगन दे दिया हैं। गधे की वकील लोमड़ कुटिल छलबल ने हमारे संवाददाता को बताया कि उनका क्लाइंट आगामी आदेश तक शेर की खाल ओढ़कर राजा बना रह सकता है। गधे ने इसे सत्य और न्याय की जीत बताया है।
हमारे हीरो को जिन लोगों ने मारा था, वे अब हवालात में हवा खा रहे हैं।
बोलिये भारतीय गण (गधा) तंत्र की जय।

नोट- इस कहानी का संबंध किसी भी जीवित अजीवित व्यक्ति (नेता) से नहीं है और आपको फिर भी यदि ऐसा लगता है तो सही लगता है।

-मुकेश चौरसिया
गणेश कॉलोनी, केवलारी,
सिवनी, मध्यप्रदेश
ईमेल- [email protected]
संपर्क- 8878727275