गुरु का दर्जा है सबसे ऊंचा- प्रीति चतुर्वेदी

गुरु का दर्जा है सबसे ऊंचा,
उनके बिना और कोई न दूजा,
बिन गुरु के हमारा जीवन निसहाय है,
क्योंकि गुरु ही देते हमें सही राय है,
और दिखाते गुरु ही सही मार्ग है,
गुरु बिन जब ये धरती अधूरी है,
तब फिर तो हम इंसान है,

गुरु बिना विद्यार्थी जीवन ही व्यर्थ है,
उनके बिना शिक्षा का न कोई अर्थ है,

गुरु ही जीवन के अन्धकार मिटाता है,
जीवन में गुरु ही प्रकाश लाता है,
भटके हुए को मंज़िल तक पहुंचाता है,
बुराईयां छोड़,अच्छाइयों की राह दिखाता है,
मंद बुद्धि को भी  पढ़ना सिखाता है,

ऐसे ही है गुरू हामारे,
जिनसे होते है बच्चों के वारे न्यारे,
गुरु ही है हमारे जीवन का आधार,
जिसपर टिका है सारा संसार,

कबीर, नानक, रैदास, वाल्मीकि जैसे
संत जन्मे है इस धरती पर,
इन्होंने भी दिया है गुरुओं को ऊंचा स्थान,

कहा,
बिना गुरु के ज्ञान है अधूरा,
तो भला ये जीवन है कैसे पूरा

-प्रीति चतुर्वेदी