गुरुवर: प्रीति कुमारी

हाथ जोड़कर नमन करूंँ
श्री चरणों में मस्तक धरु
हे गुरुवर! करिए कृपा
जीवन में सही मार्ग पर चलूंँ
आप ज्ञान से भरा हुआ भंडार
अंधकार मिट जाए
आप ऐसा जलता हुआ चिराग हो
अमृत सी वाणी आपकी
मधुर सरस मीठी सी मुस्कान
सानिध्य आपका मिल जाए जिसे
उसका भी हो जाए कल्याण
त्रिवेणी सा आप जीवन भर बहते रहे
रस, अमृत, सुधा जीवन भर बरसाते चले
संतो सी है सादगी, संतो सा व्यवहार
शिष्य आपकी बनना चाहूंँ
जन्म जन्म बारम्बार
हे गुरुवर! आपको नमन करें
शिष्या आपकी बारंबार

प्रीति कुमारी
अध्यापिका
लुधियाना,पंजाब