हाय कोरोना: जयलाल कलेत

कई दीपक बुझा दिया उसने,
त्राहिमान मचा दिया उसने,
उसका कोई तोड़ नहीं क्यों,
कितनी लाशें बिछा दिया उसने

मौत का पैगाम रोज देकर,
खौफ का मंजर दिखा दिया उसने,
विश्व का बच्चा बच्चा डरा है,
ऐसा सबक सिखा दिया उसने

हंसते चेहरे को डंक मारकर,
विनाश का प्याला पिला दिया उसने,
कई घरों में पसरा है मातम,
बाहुबलियों को हिला दिया उसने

संक्रमण से जनमानस को,
धरती सहित हिला दिया उसने,
कोरोना अपनी दहशत से,
जीते जी रूला दिया उसने

जयलाल कलेत
रायगढ़ छत्तीसगढ़