परिवेश हमारा: जयलाल कलेत

भारत भूमि का कण कण है हमें प्यारा,
ये देश है हमारा, परिवेश है हमारा।

रोशन हम करेंगे, न होगा अंधियारा
ये देश है हमारा, परिवेश है हमारा।

मशालें ले चलेंगे, कर देंगे उजियारा,
ये देश है हमारा, परिवेश है हमारा।

सलाम कर रहा है, वतन को जग सारा,
ये देश है हमारा, परिवेश है हमारा।

ग़रीबी हो या अमीरी, कर लें हम गुज़ारा,
ये देश है हमारा, परिवेश है हमारा।

दुनिया देख रही है, मेरे देश का नजारा,
ये देश है हमारा, परिवेश है हमारा।

फहरा है कोने कोने में ये तिरंगा प्यारा,
ये देश है हमारा, परिवेश है हमारा।

शौर्य की गाथाओं का अद्भुत है नजारा,
ये देश है हमारा, परिवेश है हमारा।

जयलाल कलेत
छत्तीसगढ़