मिल सका ना फिर हमें: रवि प्रकाश

मिल सका ना फिर हमें वो दीदार देखिए
आज भी है आपका इंतजार देखिए

रूठना तो ठीक है मुकरना सही न था
अब न होगा फिर कभी ऐतबार देखिए

नाम है तेरा लबों पर कसम की तरह
एक तेरी बेरुखी है ये खार देखिए

मौत आकर चौखटों से भी लौट क्यूं गई
जिंदगी फिर से मिली कई बार देखिए

है यकीं ता-जिंदगी गुल खिले प्रकाश का
लौट आये मौसमे फिर बहार देखिए

रवि प्रकाश
जबलपुर, मध्य प्रदेश