जय जय माँ: रवि प्रकाश

जय जय माँ जय जय माँ
जय जय माँ जय जय माँ

कोई तुझ सा नहीं इस जमाने में माँ
कोई ढूँढ़े मिला ना फसाने में माँ
क्या मैं कहूँ मैं तो हैरान हूँ
तेरी रहमत का माता कदरदान हूँ
कहानी गजल है तराना तू माँ
जय जय माँ जय जय माँ
जय जय माँ जय जय माँ

तेरे ही आँचल में दुनिया पली
तुझसे खुशी हर इक है मिली
तेरे बिना कहाँ कोई है
तेरे बिना जिंदगी खोई है
झोंका हवा का सुहाना तू माँ
जय जय माँ जय जय माँ
जय जय माँ जय जय माँ

हर इक जिंदगी की तू ही आस है
खुशकिस्मत हैं वे माँ अगर पास है
अगर तू मिली तो कमी कुछ नहीं
तेरे कदमों के नीचे ही जन्नत वहीं
दुखियों का बस इक ठिकाना तू माँ
जय जय माँ जय जय माँ
जय जय माँ जय जय माँ

रवि प्रकाश
जबलपुर