आप सब जानना चाहेंगे कि
सबसे सशक्त स्त्रियाँ
आखिर कौन होती हैं?

तो सुनिए जरा
अहंकारी मर्दों के हर गलत भाव पर
खुद के आत्मसम्मान के लिए निरंतर
लडऩे वाली वे बेहया स्त्रियां

इस घृणित पितृसत्तात्मक समाज की
हर मर्दवादी कुत्सित सोच पर
लगातार दहाडऩे वाली स्त्रियां

हर यातनाओं
हर दुर्भावनाओं
हर बदमिजाजियों पर
जीवन की उन तमाम दु:खद यादों पर
आँसू तक न बहाने वाली स्त्रियां

अपना कलेजा सिलौट रखने वाली स्त्रियां
दिल में बारूद रखने वाली स्त्रियां
अपने जीवन को किसी के भी
शतरंज की बिसात न मानने वाली वो लड़ाकू स्त्रियां

अपने हर सपने के टूटने के बावजूद भी
मौत तक को ठेंगा दिखाने वाली स्त्रियाँ
जो किसी भी सूरते-हाल में
कभी भी नहीं छोड़तीं है

सपने देखना
खुद को चाहना
खुद पर प्रेम लुटाना
जो भूलती नहीं कभी खुद को
जो जानती है दर्पण में दिखने वाले शख्स से
हमेशा प्यार करना

जो सही अर्थों में मानव जीवन का मोल जानती है
जो जानती है कि उनके लिए
उनकी मानसिक स्वतंत्रता के मायने क्या होने चाहिए
यही होती है वो अंतिम स्वतंत्र स्त्री
जिस पर तमाम औरत जात का वजूद टिका है
हे प्रभु ऐसी स्त्री होने का मुझे भी आशीर्वाद दो
ऐसी स्त्री बनने का मुझे भी सौभाग्य दो
और बस मुझे भी सौभाग्य दो

राष्ट्रवादी स्नेहा किरण
युवा कवयित्री व सामाजिक कार्यकर्ता
अररिया, बिहार