यह साल कैसा रहा: प्रियंका पांडेय त्रिपाठी

यह साल कैसा रहा।
करते है इस पर चर्चा।।

चीन ने बिना हथियार के आतंक मचाया।
पूरे विश्व मे कोरोना का भय छाया रहा।।

मनुष्य घरों मे कैद हुआ, सड़क गली मे सन्नाटा छाया।
जानवरों ने समझा धरती से मनुष्य गायब हो गया।।

कोरोना कहर से सभी का विदेश मोह भंग हुआ।
परिवार संग मिलजुलकर रहने का मौका मिला।।

चाय काफी का डंका बजा, पकवानो पर पकवान बना
गृहिणियों का काम बढ़ा, रसोईघर मे समय अधिक बीता।।

सभी शिक्षण संस्थान बंद हो गया।
बच्चो का समय मौज मस्ती मे बीता।।

भारतीय संस्कृति का फिर से उदय हुआ।
सोशल डिस्टेसिगं से मेल मिलाप बन्द हुआ।।

प्रकृति का महत्व समझा, वातावरण शुद्ध हुआ।
परिवार का मतलब बढ़ा, बुजुर्गो का मान बढ़ा।।

दूरदर्शन के धारावाहिकों की बढ़ी लोकप्रियता।
शतरंज लुडो कैरम आदि खेलों से समय बिताया।।

प्रियंका पांडेय त्रिपाठी
प्रयागराज उत्तर प्रदेश