कहां बैठे हो छुप कर नटवर: अनामिका गुप्ता

अनामिका गुप्ता
अध्यापिका

कहां खो गया दही माखन
कहां खो गया जाने बचपन
बंद कमरे बस नेट मोबाइल
गुम हो गई जाने कहां स्माइल
खेलकूद मस्ती नदी तीरे
भूल गए घंटियां शंख मंजीरे
कहीं कंस दुर्योधन का राज है
कहीं द्रौपदी का आर्तनाद है
कहां बैठे हो छुपकर नटवर
आना होगा तुम्हें
पाप मिटाने फिर से धरती पर