मारे जाते हैं- संजीव कौशल

सहूलियत से विरोध करने वाले लोग
एक दिन
सहूलियत से मारे जाते हैं

आज इसे यहाँ चुप रहना है
कल उसे वहाँ
सबकी मजबूरियाँ हैं
मजबूरियों में बँटे हुए लोग
एक दिन
मजबूरी से मारे जाते हैं

बड़ी मुश्किल से बनता है ताना बाना
एक धागा
उधेड़ देता है तुरपन
बुनना जितना कठिन है
उधेड़ना उतना ही आसान
बुनना हुनर है
तो उधेड़ना जाहिलपन
उधेड़ने को जो हुनर समझते हैं
एक दिन
ऐसे जाहिल मारे जाते हैं

-संजीव कौशल