मेरे पिता- प्रीति चतुर्वेदी

ऐसे है मेरे पिता
जो है मेरे लिए परमपिता
जो रखते है सबका बहुत ख्याल
जिनसे मिलता है हमें भरपूर प्यार
जो है हमारे घर के पालनहार
बहुत ही उत्तम है इनके विचार
जिन्हें रहता है सबका बहुत ध्यान
और नहीं रखते है वह, किसी से कोई गिला
जिनका रूप रहता है हमेशा खिला
ऐसे है मेरे पिता
जो है हमारे खुदा
जिनका मिजाज़ है सबसे जुदा

पिता जी जो करते हैं, हमारा हर सपना पूरा
जो सिखाते है हमें, नहीं करना कभी किसी के साथ बुरा
जो सिखाते है हमें करना सबका सम्मान
वो हैं हमारे घर की जान
जिनके बिना है हम बेजान
जिनके बिना लगता है घर वीरान
ऐसे है मेरे पिता
जो है हमारे खुदा
जिनका मिजाज़ है सबसे जुदा

कर दी जिन्होंने हमारे लिए अपनी खुशियां कुर्बान
जिनके बिना जीना नहीं है आसान
जिन्होंने खुद नहीं जिया अपना जीवन
कर दिया उसे हमारे कारण नीरव
कभी नहीं की कोई मौज मस्ती
लुटा दी हम पर अपनी पूरी हस्ती
ऐसे है मेरे पिता
जो है हमारे खुदा
जिनका मिजाज़ है सबसे जुदा

जब आते है घर,वह करके काम
लाते है हमारे लिए ढेरों इनाम
जिसे देख आ जाती है हमारे चेहरे पर चमक
यह देख पिता जी भी हो उठते है खुशी से दमक
खिल उठता है उनका कलियों का चमन
जिन्हें करते है हम शत् शत् नमन
ऐसे है मेरे पिता
जो है हमारे खुदा
जिनका मिजाज़ है सबसे जुदा

नहीं करते हैं वे, किसी से कोई दगा
नहीं होते जल्दी वह खफा
करते है वह सबसे वफा
खूबियां है उनमे अनेक
कमी है तो बस एक
अपना ध्यान देना छोड़
कुल कमाई का करके जोड़
लुटा देते है हम पर, बिना किसी सोच
करते है बस, हमारे लिए मेहनत कमर तोड़
जिससे कर सके वो हमारा हर ख़्वाब पूरा
जो रह न जाए कहीं अधूरा
बस यहीं सोचते है वे दिन रात
ऐसे है मेरे पिता
जो है हमारे खुदा
जिनका मिजाज़ है सबसे जुदा

-प्रीति चतुर्वेदी