नमन सदा हम करते हैं: जयलाल कलेत

भारत की आज़ादी खातिर,
जिन वीरों ने प्राण गंवाए हैं,
उनकी कुर्बानी को शिश झुकाकर,
नमन सदा हम करते हैं

हंसते हंसते जो फांसी के फंदे को,
खुद अपने गले लगाये है,
भारत के उन सपूतों को,
वंदन सदा हम करते हैं

गोरों के पतन खातिर,
गोली सीने पर जो खाएं हैं,
वो वीर शहिद जवानों को,
नमन सदा हम करते हैं

तलवार लेकर जो रणभूमि में,
अपना प्राण गंवाए है,
ऐसे क्रांतिकारियों को सदैव,
वंदन सदा हम करते हैं

15 अगस्त सन् सैंतालीस को,
अंग्रेजों पर जो कोहराम मचाएं है
उन भारत के शूरवीरों को,
नमन सदा हम करते हैं

जयलाल कलेत
रायगढ़, छत्तीसगढ़