नया वर्ष: गौरीशंकर वैश्य

नया वर्ष आया है
नया हर्ष छाया है

मन में उमंगें हैं
तन में तरंगें हैं
आशाओं की नभ में
उड़ती पतंगें हैं

चिड़ियों ने खिड़की पर
गीत गुनगुनाया है

नए जोश, रंग नए
सीखें कुछ ढंग नए
बीते दुःख भूलें
छेड़ें प्रसंग नए

उज्ज्वल भविष्य ओर
कदम बढ़ाया है 

झूमती तितलियों ने
मुस्काती कलियों ने 
खेतों ने, नदियों ने
सजी-धजी गलियों ने

मनमोहक सपनों ने
जीवन सजाया है
नया वर्ष आया है

गौरीशंकर वैश्य विनम्र
117, आदिलनगर,विकासनगर,
लखनऊ, उत्तर प्रदेश- 226022 
संपर्क- 09956087585