एक दिन- जसवीर त्यागी

एक दिन रोटी होगी
लेकिन नहीं होगी भूख

एक दिन बिस्तर होगा
लेकिन नहीं होगी नींद

एक दिन आईना होगा
लेकिन नहीं होगा चेहरा

एक दिन सारी सुख-सुविधाएँ होंगी
लेकिन नहीं होगी जीने की इच्छा

एक दिन पैदा होगी
मरने की तीव्र उत्कंठा
लेकिन नहीं होगी मृत्यु

-जसवीर त्यागी