साहित्यकविता बेटियाँ जब विदा होती हैं: जसवीर त्यागी By Editor In Chief - March 20, 2021 WhatsAppTwitterFacebookKooCopy URL बेटियाँ जब विदा होती हैंघर से सूनेपन की बारिश मेंभीग जाता है घर-आँगन घर के हर कोने में छिपाबेटियों की अनुपस्थिति का अहसासदूर से ही महसूस होता है रेगिस्तान में चमकती है ज्योंदूर-दूर तक सिर्फ़ रेत ही रेत जसवीर त्यागीनई दिल्ली