आंकड़े: चित्रा पंवार

चित्रा पंवार
गोटका, मेरठ, उत्तर प्रदेश
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सड़कों पर निकले लोगों को मालूम है
कि
आंकड़े जो आए हैं
वो आंकड़े होने से पहले
व्यक्ति थे
जो हँसते थे
रंग भर रहे थे जीवन में
प्रेम में थे
लिख रहे थे उम्मीद के गीत
अब वो त्रासदी के आंकड़े बन गए
सफेद–काले आंकड़े
क्योंकि व्यक्ति की मौत पर शोक होता है
आंकड़ों पर केवल बहस