साहित्य कल, आज और कल: अनामिका गुप्ता January 7, 2023 TwitterWhatsAppFacebookKooCopy URL अनामिका गुप्ता आने वाला कल भी,चले जाना हैरह जायेगा बस यादों का खजाना हैबीते हुए पल, संजोते आने वाला कलइन्हीं यादों के सहारेबीत जाते, कल, आज और कल कायल है दुनिया यूं ही जद्दोजहद मेंपागल है दुनियाजिंदगी नहीं जिंदा लाशों कीकायल है दुनिया