कलम की पुकार: प्रार्थना राय

आज मेरी सखी
मुझसे बोल ही पड़ी
सुनो ना सखी, कलम की पुकार

मुस्कुराती अदा लिए
हाथ में आयी
फिर, उंगलियों मध्य आ कही

लिखो ना सखी तुम
भावों का जहाँ, जहां मेरे
हृदय का स्पंदन बसा 

नदिया की श्वेत
निर्मल धार तुम लिखो
सागर की अथाह गहराई को लिखो

झूमते गगन के
विस्तार को लिखो
टिमटिमाते तारों के रहस्य को लिखो

रजनी और दामिनी
की मित्रता लिखो
मस्त पवन की बहती शीतलता लिखो

अंबर में दहकते
सूर्य को लिखो
आलौकिक भोर के दृश्य को लिखो

गीत गाती मधुर
कोकिल तान को लिखो
पपीहरा की पीय के पुकार को लिखो

बागों में झूलते
झूले को लिखो
रागिनी संग गाती कजरी को लिखो

धानी चुनर ओढ़े
गोरी को लिखो
लिखो ना महकती यौवन की कथा

सावित्री की
अदम्य दृढ़ता लिखो
यमराज की पराजय की विवेचना लिखो 

अहिल्या के
सतीत्व की तपस्या लिखो
प्रभु श्री राम की उदारता लिखो

सीता की पावन
पवित्रता लिखो
स्त्रीत्व का दुखद वनवास लिखो 

द्रोपदी की दुख भरी
वेदना लिखो
गोविंद नाम माला का जाप तुम लिखो

बाँसुरी की धुन पर झूमे है धरा
लिखो ना सखी
राधा  त्याग की कथा

वन-वन मारी फिरी
जोगन को लिखो
विष प्याला गटक गयी मीरा को लिखो

रणचन्डी मनु अवतारी
भवानी को लिखो
समरांगण में डटी रही मर्दानी को लिखो

महादेवी के
गिल्लू से प्रेम को लिखो
दिनकर की वीररस भरी कविता को लिखो

सुभद्रा, निराला, पंत संग
बच्चन की ‘मधुशाला’ को लिखो
मधुकर की ‘आग का राग’ तुम लिखो

इकहत्तर के युद्ध की
दुर्गा, इंदिरा को लिखो
अनंत में विलीन हुई कल्पना को लिखो

उडनपरी ऊषा और
हिमा को लिखो
बछेन्द्री, साइना, मैरी कॉम को लिखो

काल के कपाल पर
लिख गया कविता
अटल की विश्वास भरी रचना को लिखो

लिखना हीर के
मदभरे नयन
रांँझा के अल्हड़ इश्क़ का नशा

मर मिटे प्रेम में
सोनी महिवाल को लिखो
अभिलाषा मेरी हृदय की, लिख मेरी सखी

प्रार्थना राय 
देवरिया, उत्तर प्रदेश