ख़ामोशी और प्रेम: जसवीर त्यागी

तुम पुरुष हो
शब्दों की सीढ़ियों से पाना चाहते हो
प्रेम का शीर्ष

जिस रोज़ स्त्री बनकर
ख़ामोशी से प्रेम की
अतल गहराइयों में
उतरना सीख जाओगे

उस दिन तुम
एक स्त्री और प्रेम के
शीर्ष तक भी पहुँच जाओगे

जसवीर त्यागी