परछाई की तरह: वंदना पराशर

वंदना पराशर

कुछ यादें
उम्र-भर
पीछा करती हैं
परछाई की तरह

अतीत का कोई पन्ना
कभी कोरा नहीं होता है
केवल समय की धूल
ढक देती है
उसके चेहरे को

अतीत
उम्र-भर
साथ चलता है
परछाई की तरह