सब कुछ लुटा बैठे हम इश्क़ में- निशांत खुरपाल

इज्ज़त उतारने वाले ही आजकल, इज्ज़त बचाने की बात करते हैं,
जब सब कुछ लुटा बैठे हम इश्क़ में, वो अब हमसे जुदाई की बात करते हैं

जब ख़ुद पर बुरा वक़्त आए, तो सबको ख़ुदा याद आता है,
जो कभी खुद काफ़िर थे, वही अब खुदाई की बात करते हैं

जिनकी हस्ती को खतरा हो मिटने का, वही बहकाते हैं दूसरों को,
ये सियासतदान ही हैं, जो जात-पात और धर्मों की बात करते हैं

इश्क़ को कपड़ों की तरह बदलना, तो उनकी फितरत में था,
वर्ना हम तो आज तक भी, हर महफिल में उन्हीं की बात करते हैं

सुना है कि किस्मत बदल जाती है ‘खुरपाल’, गर इबादत में दम हो,
आओ एक बार फिर से उसे पाने की, ख़ुदा से फरियाद करते हैं

-निशांत खुरपाल ‘काबिल’
अध्यापक,
कैंब्रिज इंटरनेशनल स्कूल,
पठानकोट
संपर्क- 7696067140
ईमेल- [email protected]