सैनिक- अतुल पाठक

राष्ट्र के वास्तविक नायक सैनिक ही होते हैं, जो निजी स्वार्थ को त्याग कर अपने देश की रक्षा के लिए हमेशा सर्वस्व निछावर करने के लिए तत्पर रहते हैं। सैनिक का जीवन बलिदान का जीवन होता है, जो देशप्रेम में निजी जीवन का बलिदान करना और जीवन का वास्तविक दायित्व देश के लिए समर्पित होना सिखाता है।
सैनिक राष्ट्र का गौरव होता है, जिसमें देशभक्ति कूट-कूट कर भरी होती है। साहस और कर्तव्यनिष्ठा के साथ सैनिक जीवन में कई विपरीत परिस्थितियों अर्थात कई चुनौतियों का सामना करता है। सैनिक बनना इतना सहज नहीं होता जितना सभी को लगता है।
सैनिक बनने से पहले निजी सुखों जैसे घर-परिवार, व्यक्तिगत जीवन और अपनी कई सुख सुविधाओं से भरी इच्छाओं को त्याग करने का प्रण लेना पड़ता है।
देश की माटी के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करना ही सैनिक की प्राथमिकता होती है जिसे वह पूरी आत्मनिष्ठा से पूरा करता है।
सैनिक के लिए देशप्रेम ज्यादा मायने रखता है बाकी सब कुछ बाद में। सैनिक का सम्पूर्ण जीवन जब तक साँस न थम जाए हिन्द देश की रक्षा के लिए ही वास्तव में बना होता है।
सैनिक को हम देश का असली हीरो इसलिए मानते हैं, क्योंकि हीरो वो होता है खुद से पहले दूसरों की रक्षा करे। यही भावना एक सैनिक में होती है जो 24 घण्टे सरहद पर इसलिए तैनात रहते हैं ताकि हिन्द देश और हिन्दवासी सुरक्षित रह सकें।
इस देश की माटी पर सैनिक के कदमों के निशान कभी नहीं मिटते। इस देश की माटी भी सैनिक के बलिदान को कभी नहीं भूलती। सैनिक की कहानी वास्तव में वीरता की जुबानी होती है जिसे आज के छात्र/छात्राओं को सुनाकर उनमें जज़्बों और हौंसलों के साथ देश की रक्षा के लिए सैनिक का अनमोल योगदान की प्रेरक शिक्षा अवश्य देनी चाहिए जिससे छात्र-छात्राओं में भी देशप्रेम की अलख जगाई जा सके।
जीवन में कड़ी चुनौतियों जैसे भारी बारिश, बर्फबारी, गोलाबारी, अत्यधिक ठंड और चिलचिलाती आग सी धूप के बीच सैनिक खुद को ढालता है और इन सबके बीच सैनिक दुश्मनों का सामना करता है।
सैनिक असल मायने में आदर्श सूचक, राष्ट्रभक्त और देश का महान नायक होता है। सैनिक ही देश की आन बान शान होता है। जिसकी शहादत में भारतीय तिरंगे से सम्मान होता है।
जय हिन्द, जय हिन्द के सैनिक

-अतुल पाठक
हाथरस, उत्तर प्रदेश
संपर्क- 7253099710