तेरी कारीगरी: सुरेंद्र सैनी

हुनर क्या खूब तेरी कारीगरी
देखता रह जाए तेरी बाज़ीगर

तेरे हुस्न का कोई मोल ही नहीं
कैसे बन पाए कोई सौदागरी

बेलबूटे कढ़े तेरे लिबास पर
खूबसूरत बहुत है कसीदागरी

कैसे संभालू मैं खुद को बता
रोके से ना रुके मेरी दीदागरी

‘उड़ता’ कुछ रोमानी हो जाओ
बहुत हो गयी तेरी संजीदागरी.

सुरेंद्र सैनी बवानीवाल ‘उड़ता’
झज्जर, हरियाणा- 124103
संपर्क- 9466865227