महाराष्ट्र में बचेगी उद्धव सरकार या होगा सत्ता परिवर्तन: यहां पढ़िए ज्योतिषीय विश्लेषण

ज्योतिषाचार्य पं अनिल कुमार पाण्डेय
सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता
प्रश्न कुंडली एवं वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ

महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं और उद्धव सरकार की विदाई के कयास लगाए जा रहे हैं। महाराष्ट्र की प्रमुख पार्टी शिवसेना के वरिष्ठ नेता और एमवीए सरकार के मंत्री एकनाथ शिंदे 21 जून को अपने गुट के विधायकों को लेकर सूरत चले गए और उसके बाद फिलहाल वे सभी गुवाहाटी के होटल में ठहरे हुए हैं।

क्या महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन होगा? क्या महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी की फिर सत्ता में वापसी होगी? क्या एकनाथ शिंदे अपने उद्देश्य में सफल होंगे? इन्ही सब सवालों के जवाब ढूंढने के किए ज्योतिषाचार्य पं अनिल कुमार पाण्डेय ने महाराष्ट्र के राजनैतिक घटनाक्रम का ज्योतिषीय विश्लेषण किया है।

ज्योतिषाचार्य पं अनिल कुमार पाण्डेय का कहना है कि इस संबंध में मेरे द्वारा प्रश्न कुंडली बनाई गई है कि सत्ता परिवर्तन कब तक होगा। यह कुंडली कर्क लग्न की बनी है। चतुर्थ भाव में केतु है। आठवें भाव में वक्री शनि है। नवम भाव में मंगल चंद्रमा और गुरु है। दशम भाव में राहु है। एकादश भाव में बुध और शुक्र है। द्वादश भाव में सूर्य हैं।

चतुर्थ भाव में केतु यह बताता है कि जनता के बीच में टूट होगी। यहां पर जनता से आशय विधायकों से है। अतः विधायक दल के विधायक बटेंगे। इस राशि का स्वामी शुक्र है। जो कि अपने स्वयं की राशि में लाभ भाव में बैठा हुआ है। यह बताता है कि विधायकों के जोड़-तोड़ में धन का भारी व्यय होगा। धन के इस व्यय से बीजेपी को लाभ होगा।

शत्रु भाव में कोई ग्रह नहीं है। इस पर राहु सूर्य की दृष्टि है। ये दोनों ग्रह शत्रु भाव के लिए कारक हैं अर्थात अच्छा फल देंगे। इस भाव का स्वामी गुरु है। जो अपनी ही राशि में नवम भाव में बैठा हुआ है। यह बताता है कि दूसरा दल अर्थात महाविकास आघाडी बिल्कुल शांत रहेगा। अष्टम भाव में वक्री शनि है। यह नीच दृष्टि से दशम भाव को देख रहा है। शनि के वक्री होने के कारण नीच की दृष्टि होने के बावजूद दशम भाव के लिए वह अत्यंत मजबूत साबित होगा। नवम भाव का स्वामी गुरु अपने ही राशि में बैठा हुआ है। इसके साथ में चंद्रमा और मंगल भी हैं।

वहीं चंद्रमा और गुरु के एक साथ बैठने के कारण गजकेसरी योग बन रहा है जो अत्यंत शुभ योग है। यह बताता है कि भाग्य से बीजेपी को बहुत मदद मिलेगी। दशम भाव में राहु है। राहु दशम भाव के लिए कारक है। यह इस बात को बता रहा है की बीजेपी के आगे किसी भी दल की कुछ भी नहीं चलेगी। द्वादश भाव में बैठा सूर्य छठे भाव को देख रहा है। जिससे शत्रु हंता योग बना रहा है। गुरु नवम भाव में बैठकर उच्च की दृष्टि से लग्न को देख रहा है। इससे लग्न अत्यंत ही मजबूत हो रहा है। ग्रहों के इस शुभ गोचर के कारण सत्ता परिवर्तन जल्दी ही हो जाएगा।

आइए हम विचार करते हैं कि यह सत्ता परिवर्तन कब तक होगा। वर्तमान प्रश्न कुंडली के अनुसार यह प्रक्रिया 23 जून से प्रारंभ हो जावेगी। सत्ता परिवर्तन के उपरांत नया मंत्रिमंडल 14 जुलाई 2022 से 1 अगस्त 2022 के बीच में बनेगा।

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