Thursday, December 19, 2024
Homeलोकमंचभारत- लोकतंत्र की जननी: राव शिवराज पाल सिंह

भारत- लोकतंत्र की जननी: राव शिवराज पाल सिंह

राव शिवराज पाल सिंह
जयपुर

इस वर्ष के गणतंत्र दिवस की थीम “भारत- लोकतंत्र की जननी” और “विकसित भारत” है, जो एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में भारत की भूमिका और इसकी प्रगति को दर्शाती है। जहां तक 26 जनवरी के महत्व का सवाल है, यह दिन उत्तर-औपनिवेशिक संप्रभु राज्य के रूप में भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत की स्वतंत्रता की घोषणा की थी।

इसके बाद से आजादी से पहले तक 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता था। यह सफर करीब 18 वर्ष तक चला जब देशभर में 26 जनवरी को पूर्ण स्वराज दिवस के रूप में मनाया जाता रहा।

कांग्रेस के दिसंबर 1929 में हुए लाहौर अधिवेशन की अध्यक्षता जवाहर लाल नेहरू कर रहे थे और तब उन्होंने पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव रखा था। प्रस्ताव था कि 26 जनवरी 1930 तक अगर अंग्रेजी हुकूमत हमें आजादी नहीं देती है तो भारत खुद को स्वतंत्र घोषित कर देगा।

इसके बाद साल 1930 में 26 जनवरी को कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज दिवस घोषित कर दिया। इस दिन पहली बार 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस मनाया गया, यद्यपि 26 नवंबर 1949 में ही संविधान बन गया था और संविधान सभा ने इसे स्वीकार भी कर लिया था, लेकिन 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज की घोषणा के महत्व को देखते हुए ही 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया तथा इसे गणतंत्र दिवस घोषित किया गया।

संबंधित समाचार

ताजा खबर