फ़ज़ल अली राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिश से मध्य प्रदेश का ढाँचा तैयार किया गया और 1 नवम्बर 1956 को मध्य प्रदेश राज्य का गठन हुआ और इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा इसे देश के हृदय का नाम दिया और बन गया मध्य प्रदेश देश का धड़कता हुआ दिल।
तब से आज तक मध्य प्रदेश देश के ह्रदय के रूप में धड़क रहा है, वर्ष 2000 में ह्रदय की रफ्तार धीमी हुई और अपने एक हिस्से से अलग होकर एक नए प्रदेश धान के कटोरे (छत्तीसगढ़) का उदय हुआ और वर्तमान में मध्य प्रदेश अपने 52 जिलों के साथ एक समृद्ध राज्य की सूची में अग्रणी पंक्ति में खड़ा है।
आज मध्य प्रदेश को देश की हार्टबीट कहा जाना कोई अतिश्योक्ति नही होगी, मध्य प्रदेश देश के हर कोने और हर क्षेत्र में अपनी उर्जा से सबकों ऊर्जामय कर रहा है। मध्य प्रदेश ने अपने इन 64 वर्षों के लंबे एवं सौहार्द पूर्ण सफर में नित्य नए स्थान हासिल किए है, फिर वह किसी भी क्षेत्र की बात की जाये, वर्तमान मे मध्य प्रदेश को पुनः टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त हुआ है जो मध्य प्रदेश के 64 वर्षों के सफर की सफलता का बखान कर रहा है।
मध्यप्रदेश का इतिहास देखा जाए तो मध्य प्रदेश को 4 प्रांतों से मिलाकर बनाया और फिर एक नया राज्य बनने के बाद राजधानी के दंश से परेशान मध्य प्रदेश को, पूर्व राष्ट्रपति पंडित शंकरदयाल शर्मा के प्रतिनिधित्व में भोपाल को राजधानी का दर्जा दिलाने में मुख्य योगदान रहा है।
उस समय भोपाल को तहसील का दर्जा ही प्राप्त था। भोपाल को राजधानी बनाने से कइयों ने इसका विरोध भी किया होगा, यह स्वाभाविक है और होना भी चाहिए। अब शुरू होता है बिखरी हुई अर्थव्यवस्था के साथ मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के समृद्ध राजधानी और समृद्ध मध्य प्रदेश का सफर और नित्य नए तरक्की के नए आयामों को अपने मैं संयोजित किये हुए।
आज मध्य प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में लोगों की पहली पसंद के रूप में नजर आता है, मध्य प्रदेश को देश के पहले पर्यटन नगरी, पहले पर्यटन क्षेत्र और पर्यटन ग्राम के नाम से भी जाना जाता है। आज मध्य प्रदेश के कई ऐसे प्रमुख और ऐतिहासिक स्थल है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर को सुशोभित कर रहे हैं। बात मध्य प्रदेश के कश्मीर यानि कि पंचमढ़ी की कही जाये तो वह पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है और हर उम्र का व्यक्ति कश्मीर के परावर्तित रूप का आनंद लेना चाहता है।
मध्य प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में एक उभरती हुई और ऐतिहासिक स्थल रहा है, मध्य प्रदेश में पर्यटन का एक बिखरी हुई अविरल सम्पदा है।
मध्य प्रदेश को सोया राज्य का दर्जा प्राप्त है, आज सोयाबीन ही नहीं मध्य प्रदेश अपने कृषि के हर क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहा है, आज मध्यप्रदेश लगभग 4-5 बार कृषि कर्मण अवॉर्ड से सम्मानित हो चुका है। कृषि में नित्य नए प्रयोगों के आधार पर मध्य प्रदेश आज कृषि के लिए एक समर्पित राज्य नजर आ रहा है।
हीरा उत्पादन में अपना स्थान अग्रणी रखने वाला मध्य प्रदेश अपनी छवि को हीरे सी चमका रहा है। वहीं आधिकांश नदियों का उद्गम स्थल होने के कारण मध्य प्रदेश को नदियों का मायका भी कहा जाता है, नदियां यहाँ अपने नए शांत एवं अनुपम सौंदर्य वाले रूप में प्रतीत होती है।नदियों को संस्कृति की वाहक होती है, यह संस्कृति की विस्तारक होती है। इसे संस्कृति की जननी भी कहा जा सकता है।
अशोकनगर जिले के तहसील चंदेरी अपनी पहचान को मोहताज हो चली है, किन्तु यह राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान से मध्यप्रदेश का भी प्रतिनिधित्व करती है, आज चन्देरी की साड़ी माया नगरी की हुस्न की मल्लिकाओ को भी अपनी और आकर्षित करती नजर आती है, इन बॉलीवुड की अभिनेत्रियों ने इन साड़ियों को अपने लिए भी लिया है।
हुस्न की हर एक बड़ी अदाकारा से लेकर नयी नवेली अदाकाराओं ने भी चन्देरी की हथकरघा से बनी साड़ियों को पहनकर अपनी सुंदरता में चार चाँद लगाए है, बॉलीवुड ही नही बल्कि विश्व के हर कोने तक चन्देरी की साड़ी अपनी छाप छोड़ रही, आज भारत ही नही बल्कि विश्व के कई देशों की सुंदरियां चन्देरी और चंदेरी की साड़ियों से स्वयं को और चन्देरी की साड़ी को सौंदर्य प्रदान कर रही है, आज चन्देरी अपनी पहचान इन साड़ियों में ही तलाश रही है। साथ ही मध्यप्रदेश के प्रकाश को और तीव्रता प्रदान करती है। जो वैश्विक स्तर पर भी मध्यप्रदेश को हीरे सा चमकीला पेश करती नजर आती रहेगी। ह्रदय है, धड़केगा और धड़कता रहेगा, आखिर ह्रदय है, चलता रहेगा।
मनु शर्मा
खोपरा, अशोकनगर