‘बड़ी भली है अम्मा मेरी, ताजा दूध पिलाती है, मीठे-मीठे फल लेकर मुझको, रोज खिलाती है’- जैसी अनेकों रचनाओं के रचियता सुप्रसिद्ध कवि इंद्र बहादुर खरे के जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर कम्युनिटी हॉल इस्टलैंड खमरिया में पुस्तक एवं कविता प्रदर्शिनी आयोजित की गई।
कवि इंद्र बहादुर खरे आजादी के पहले 1943 से 1947 तक निर्माणी को अपनी सेवाएं दी यह हम सभी आयुध निर्माणी खमरिया के कर्मचारियों के लिए बड़े गौरव की बात है की राष्ट्रीय स्तर के कवि जिन्होंने कई सारी कविताएं एवं पुस्तकों के माध्यम से पूरे देश में अपना नाम रोशन किया, वह आयुध निर्माणी खमरिया के भूतपूर्व कर्मी थे। उनका जन्म 16 दिसंबर 1922 मे हुआ एवं 13 अप्रैल 1953 में उनका जीवन का सफर थम गया। 31 वर्षों में उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से पूरे देश को गौरवान्वित किया।
आज उन्हें याद करते हुए इस प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन अरुण दुबे, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष INDWF एवं सदस्य जेसीएम-II (MOD) द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रकाश श्रीवास्तव, अखिलेश पटेल, धर्मेंद्र रजक, अनिल गुप्ता, जीवन सिंह, आशीष तिवारी, सतीश दुबे, मुकेश पाण्डे, रमेश यादव सहित निर्माणी व शहर के लोगों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया।