आकांक्षा पारे काशिव
द्वितीय सविता कथा सम्मान वर्ष 2023 दिल्ली की कथाकार व आउटलुक हिन्दी की सहायक संपादक आकांक्षा पारे काशिव को देने का निर्णय आज यहां आयोजन समिति द्वारा लिया गया। यह कथा सम्मान अगले वर्ष 7 मार्च को प्रदान किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रति वर्ष हिन्दी कहानी में अप्रतिम योगदान देने वाली महिला कथाकार को सविता दानी की स्मृति में ‘सविता कथा सम्मान’ प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि प्रथम सविता कथा सम्मान रायपुर की श्रद्धा थवाईत को प्रदान किया गया था। सविता कथा आयोजन समिति में पहल के संपादक व विख्यात कथाकार ज्ञानरंजन, कथाकार राजेन्द्र दानी, डॉ योगेन्द्र श्रीवास्तव, कथाकार पंकज स्वामी, चित्रकार अवधेश बाजपेयी व शरद उपाध्याय हैं।
7 मार्च को ‘सविता दानी कथा सम्मान’ समारोह का आयोजन जबलपुर में किया जाएगा। समारोह में सम्मानित होने वाली महिला कथाकार आकांक्षा पारे काशिव को प्रशस्ति के साथ ग्यारह हजार रूपए की सम्मान निधि भेंट की जाएगी। समारोह में हिन्दी कहानी पर गंभीर विचार विमर्श के साथ एक वरिष्ठ कथाकार का कहानी पर केन्द्रित वक्तव्य भी होगा। इसके साथ सम्मानित महिला कथाकार अपनी सृजनधर्मिता पर वक्तव्य देंगी।
आकांक्षा पारे काशिव हिन्दी की युवा और चर्चित रचनाकार हैं। उनके चार कहानी संग्रह ‘सहेलियां तीन प्रेमी’, ‘बहत्तर धड़कनें तिहत्तर अरमान’, ‘पिघली हुई लड़की’, ‘मैं और मेरी कहानियां’ और एक कविता संग्रह ‘एक टुकड़ा आसमान’ प्रकाशित हो चुका है। आकांक्षा पारे काशिव की कहानियां वैसे तो समाज के तकरीबन हर वर्ग को छूती हैं, लेकिन स्त्रियों के मुद्दों पर ज्यादा फोकस रहता है। जिस समाज के संघर्ष और सपनों पर हमारा ध्यान ही नहीं जाता है, आकांक्षा ऐसे विषयों को बड़ी ही बारीकी तथा मार्मिक ढंग से उठाती हैं।
18 दिसंबर 1976 को जबलपुर में जन्मी आकांक्षा पारे काशिव को इससे पूर्व प्रभाष जोशी पत्रकारिता सम्मान, ‘रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार’, ‘राजेन्द्र यादव हंस कथा सम्मान’, ‘कृष्ण प्रताप कहानी सम्मान’ से भी सम्मानित किया जा चुका है।