बिहार की पावन धरा राजगीर (नालंदा) में 9-10 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर द्विदिवसीय साहित्यिक महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम पद्म श्री सम्मानित आचार्यश्री चंदना श्री ( श्री ताई मां) के मुख्य आतिथ्य एवं नवादा सांसद चंदन सिंह के विशिष्ट आतिथ्य में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम में देश विदेश के सैंकड़ों वरिष्ठ साहित्यकार, कवि शामिल हुए। विभिन्न सत्रों में आयोजित इस कार्यक्रम की रूपरेखा ने रोचक और आनंद से भर दिया। कार्यक्रम में शोध पत्र वाचन, लघु कथा, गज़ल, कविता आदि ने मंच को ऊर्जावान बनाया। पुस्तकों की समीक्षा का सत्र राव शिवराज पाल की अध्यक्षता में प्रभावी रूप से संपन्न हुआ। देश विदेश से आए साहित्यकारों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में डॉ निशा अग्रवाल को राष्ट्रकवि दिनकर काव्य साधना सम्मान से नवाजा गया। काव्य संध्या का बेहद प्रभावी और आकर्षक संचालन जयपुर से शामिल हुई डॉ निशा अग्रवाल द्वारा किया गया। कवि सम्मेलन के इस सत्र में कवियों ने अपनी मधुर वाणी और अपनी जादुई कलम से समां बांध दिया। राजगीर के भव्य कार्यक्रम के लिए कार्यक्रम संयोजक ओंकार कश्यप एवं समस्त टीम को हार्दिक बधाई देते हुए एक जुट हुए समस्त साहित्यकारों ने आभार प्रकट किया।
मगध की पुरातन राजधानी रही राजगीर के पर्यटन स्थल सनातन, बौद्ध, जैन धर्म के संगम का दर्शन किया। हजारों वर्ष पूर्व हिंदुस्तान के गौरव रहे अंतरराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय के राज कण को छूकर देश भर के हजारों साहित्यकार गौरवान्वित हुए। धर्म, शिक्षा और इतिहास के शाश्वत परिवेश में यह आयोजन एक मिसाल है। प्रेरणा है। ज्योति है।