जिस परिवार व समाज को अपने इतिहास की जानकारी नहीं, वह प्रगति नहीं कर सकता: प्रो. कपिलदेव मिश्रा

सात्विक सेवा संस्थान एवं जिला पुरातत्व संघ जबलपुर के द्वारा डॉ हीरालाल राय कला वीथिका, रानी दुर्गावती संग्रहालय जबलपुर में शुक्रवार 1 अक्टूबर को रायबहादुर डॉ हीरालाल राय की 154वीं जयंती एवं पुरातात्विक धरोहर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के कुलपति प्रोफेसर डॉ कपिलदेव मिश्र ने डॉ हीरालाल राय की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित कर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि डॉ छाया राय एवं भोपाल से पधारे ओम मालवीय ने डॉ हीरालाल राय द्वारा किये गये उल्लेखनीय कार्यों के बारे में बताते हुए विस्तृत जानकारी दी।

पुरातत्व एवं अभिलेखागार जबलपुर के उप-संचालक केएल डाबी ने बताया कि डॉ हीरालाल राय द्वारा संग्रहित 40 मूर्तियाँ रानी दुर्गावती संग्रहालय में प्रदर्शित हैं। जिसमें सतीश श्रीवास्तव- इतिहास एवं सिक्कों पर प्रकाशित पुस्तकें। अरविन्द मलिक- हिन्दी साहित्य के पद्य एवं गद्य के रचनाकार, पत्रकार, समाचार पत्रों पर जारी डाक टिकिट, प्रथम आवरण कवर।

श्याम नारायण तिवारी- 100 वर्ष पुराने मानचित्र संग्रह, काशी प्रसाद पटेल- प्राचीन सिक्के। भानु साहू- भारतीय एवं विदेशी नोट। डी.सी. विनोदिया- भारतीय एवं विदेशी सिक्के, आरके नायडू- स्कूल, कॉलेजों पर आधारित डाक टिकिट एवं प्रथम आवरण कवर। रितेश दास- प्राचीन वस्तुएं कैमरा एवं फोटोग्राफी से सम्बंधित वस्तुयें।

श्रीमती रूमादास गुप्ता- भारतीय स्मारक सिक्के जिसमें 1000 रुपये, 550 रुपये, 200 रुपये, 100 रुपये, 75 रुपये के सिक्के। स्टेनलीनॉर्बत ने भारत के राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री की जन्म तिथि पर आधारित नोट। आयुष प्रसाद खिलौना कार संग्रह का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में प्रमिला राय, अंशु राय, श्रवण सोनी, डॉ यतीश जैन उपस्थित थे। मंच संचालन एड. राजकिशोर शिवहरे ने किया।